पेरेंट्स बनना एक बहुत ही खूबसूरत अहसास और साथ ही बहुत बड़ी जिम्मेदारी भी है. ऐसे में जन्म के बाद जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होने लगता है. ऐसे में उसकी की चीजों को लेकर पेरेंट्स का चिंता बढ़ने लग जाती है जिसमें से एक पढ़ाई भी है. बच्चे का कौन-से स्कूल में एडमिशन कराना है और किस तरह ये सब कई बार बहुत डिफिकल्ट टास्क हो जाता है. साथ ही पढ़ाई से लेकर स्कूल से लेने और छोड़ने जाने तक बच्चे की सभी जरूरतों का ख्याल रखना. ऐसे में जब बच्चा पहली बार स्कूल जाता है, तो पेरेंट्स को इसकी खुशी तो बहुत होती है. लेकिन साथ ही मन में एक अजीब की घबराहट होती है. दरअसल जब बच्चा पहली बार स्कूल जाता है तो वो उन्हें नए लोगों और नई जगह के बीच बच्चे को भेजने के बारे में चिंता करते हैं. ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जिसके बारे में आपको बच्चों को जरूर बताना चाहिए.
बच्चो को किताबें पढ़ने की आदत जरुर डालें
बच्चों के लिए किताबें उनके कॉन्फिडेंस को बिल्डअप करने के लिए बहुत जरूरी है। सभी माता- पिता ये चाहते है कि उनके बच्चे बचपन से ही गलत आदतों से दूर रहे और उनमे अपने बड़ो के प्रति सम्मान, अच्छे संस्कार हो। ऐसे में बच्चो के जीवन में सबसे पहले उनकी किताबें ही दोस्त बनती है। बाजार में कई पब्लिकेशंस की पुस्तकें हैं, जो आपके बच्चों की पर्सनैलिटी को कई तरह से स्ट्रॉन्ग कर सकती हैं। ऐसे ही तमाम पब्लिकेशंस की पुस्तकों में अश्वत्था ट्री पब्लिकेशंस की भी पुस्तकें हैं। अश्वत्था ट्री की डायरेक्टर और राइटर तुलिका सिंह ने बच्चों को कनेक्ट करने के लिए पुस्तकों में जो एनिमेशन गढ़ा है, वो घटनाओं, टीचिंग लेशंस से बच्चों को कनेक्ट करते हैं और बहुत ही रोचक लगते हैं, जिसे बच्चे भी बहुत आसानी से उसे आत्मसात कर लेते हैं। तुलिका सिंह के पब्लिकेशन में बहुत सारे बुक्स ऑप्शन है। उन्होंने एक से बढ़कर एक रोचक किताबें लिखी हैं। तो गलत चीजों से ध्यान हटाने और उनसे निपटने के लिए आत्मविश्वास का जो संचार बच्चों में होना चाहिए, वो अश्वत्था ट्री की बुक्स के माध्यम से आसानी से संभव है।
बच्चों को सिखाएं ये चीजें
ध्यान दें कि जब बच्चा स्कूल या प्ले नर्सरी में जाना शुरु करें तो इससे पहले उन्हें वॉशरूम जाने के बारे में बताना. साथ ही अपने हाथों से खाना और चीजों को शेयर करने जैसी चीजें सीखाना चाहिए. जैसे जैसे बच्चा बड़ा हो उसे आउटडोर गेम्स, डांस जैसे कई एक्टिविटी के लिए प्रेरित करना ताकि आगे चलकर वो किसी एक्टिविटी में हिस्सा ले सके. साथ ही बच्चे को बात करने का तरीका सिखाएं.
अच्छी आदत डालें
बच्चे को जल्दी सोने और उठनी के आदत डलवाएं. हो सके तो उसे अपने साथ मॉर्निंग वॉक पर ले जाए. साथ ही फोन चलने, पढ़ाई और खेलने के लिए एक समय निर्धारित करें. उन्हे साफ-सफाई, यूनिफार्म को सही जगह पर रखना सीखाएं.
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