स्टोरीज कैरेक्टर दिल के करीब हों तो पेशेंस,केयर, शेयर सब होगा ऑल इज वेल

आज जिस तरह से सामाज बदल रहा है और परिवार नुक्लेअर होते जा रहे है ऐसे में बच्चों को सभी अच्छी आदतें सीखाने के साथ जरूरी है कि आप अपने बच्चे को संयम रखना भी सीखाएं। इससे न सिर्फ बच्चे अपनी पढ़ाई में अच्छा परफॉर्म कर पाएंगे, बल्कि उनकी अपनी जिंदगी की भी कई परीक्षाओं में खरे उतरेंगे।
इंस्टैंट कॉफ़ी, टेक-अवे, 2 मिनट नूडल्स और 5G के जमाने में बच्चों से संयम की उम्मीद करना थोड़ा मुश्किल काम है। लेकिन संयम के बिना बच्चों का आगे बढ़ पाना काफी मुश्किल होता है। हालात यह है कि आज कल बच्चें पार्क में किसी झूले के लिए या फिर मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए भी शॉर्ट कट ढूंढ़ते हैं। लेकिन क्या हर समय शॉर्ट कट काम आते हैं? क्या आपका बच्चा कुछ मिनट खाना बनने तक इंतजार कर सकता है? या फिर वह फौरन ही चिल्लाने या रोने लगता है?
अगर आपके सवालों का जवाब नहीं है तो फिर यही सही वक्त है जब आप प्रॉब्लम का solution खोजें| पहले के समय में दादी नानी की कहानियों में राजा राम का अपनी पिता की आज्ञा को मान कर 14 साल के लिए वनवास जाना या श्रीराम का सीता जी को छुड़ाने के लिए रावण से युद्ध करना.. ये किस्से बच्चों को भक्ति, साहस, धर्म, प्यार और रिश्तों की जरूरत सीखते थे| पर अब ना तो दादी नानी साथ रह पा रही है न ही पेरेंट्स के पास इतना समय|
पर घबराइए नहीं, आप अपने बच्चों की दोस्ती किताबों के साथ करा सकते हैं| माना मार्केट में बच्चों के लिए काम कर रही ऐसी किताबें कम है, पर अश्वत्था-ट्री पब्लिकेशन की सभी किताबें सिर्फ और सिर्फ हैं बच्चों के लिए| इस पब्लिकेशन ने कई किताबें बच्चों को ध्यान में रख कर ही लिखी है लेकिन “Princess who slept for 14 years” किताब रामायण के ऐसे पात्र के बारे में लिखी गयी है जिसके बारे में बहुत कम ही सुनने को मिला है| अगर बच्चे उससे सीख लेते हैं तो बच्चों में धैर्य और त्याग की भावना आएगी|
रामायण के अभी इतने रहस्य अनजाने हैं, जिसकी कल्पना करना भी हमारे लिए मुश्किल होता है| यह कहना गलत नहीं होगा कि रामायण एक अथाह सागर की तरह है, जिसमें डुबकी लगाने पर भी इसकी गहराई का अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता| रामायण को अलग-अलग तरीके से बताया या समझाया गया है| ऐसे में रामायण के कुछ ख़ास पात्रों की बात तो सभी करते हैं, लेकिन इसमें एक ऐसा भी पात्र है जिसकी बहुत कम ही सुनने को मिलती है| यह पात्र है लक्ष्मण की पत्नी देवी उर्मिला का| रामायण में ‘देवी उर्मिला’ का त्याग और समर्पण की दुनिया में कोई तुलना ही नहीं की जा सकती है| वाल्मीकि रामायण के अनुसार जब लक्षमण अपने भाई राम और भाभी सीता की सेवा में दिन रात जाग कर तत्परता से अपने कर्तव्य को निभा रहे थे तब उनके बदले उनकी पत्नी उर्मिला 14 साल तक सो रही थी|
सोचिये जब ऐसी कहानियाँ और किस्सों को बच्चें पढेंगे जिसमें लालच की जगह त्याग और समर्पण का भाव हो, जहाँ उनका अपनी संस्कृति से जुड़ाव हो, जहाँ परिवार और रिश्तों की जरूरत की बात हो तो क्यों न बच्चे शांत स्वभाव के साथ अपने जीवन में आगे बढ़ेंगे| आजकल मार्केट में बच्चों के लिए यूँ तो बहुत सी किताबें मौजूद है लेकिन उनमे फिक्शन की भरमार है। जिसे पढने के बाद उन बुक्स से बच्चों के संस्कार भी प्रभावित होते हैं। लेकिन अश्वत्था ट्री की ने इन बुक्स को इसी मकसद के साथ लिखा गया है ताकि भटकते बचपन को एक सही दिशा मिल पाए| गैजेट्स की जगह बुक्स पढ़ने की यह अच्छी आदत खुद उनकी सोच, उनके करियर, उनके स्वभाव पर भी असर डालेगी। तो क्यों न इस बार आप अपने बच्चों को दे कुछ ऐसा जो बदले उनकी जिंदगी को….

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