बच्चों में रिश्तों की अहमियत को बनाने में मदद करेगी ये किताब

जब भी दूसरों की मदद करने या उनका काम करने का सवाल उठता है तब कई बातें बोलने और सुनने में आती हैI हम भूल जाते हैं कि सबके साथ मिल कर काम करने और मदद करने से ही इस धरती पर हम सभी का जीवन मुमकिन हो पाया है| यह एक तरह से दुनिया में अपने कमरे का किराया देने जैसा है| हालाँकि यह धरती हमारी बनायीं दुनिया की तरह हवा पानी और मिट्टी का हिसाब नहीं रखती| लेकिन हमारे इस धरती पर होने का मतलब ये नहीं कि हम दूसरों से अनजान रह कर या उनके काम की वैल्यू किये बिना नहीं रह सकते हैं|
हमारी इस सोच में तकनीक ने बहुत अहम रोले निभाया हैI गैजेट्स में उलझे रहने के कारण हमारी नयी पीढ़ी में एकदूसरे से बातचीत कम हो गयी है और नजारा ये होता है कि लोग आपस में अगर बात कर भी रहें है तो भी वह मोबाइल में ही देख रहे होते हैं| हमारा ध्यान ही नहीं जाता है कि हमारे आस पास कौन लोग हैं और उनकी हमारी जिंदगी में क्या जरूरत है| हमारे घर में काम करने के लिए आने वाले लोग हो या घर के बाहर निगरानी कर रहा चौकीदार… सब्जी बेचने वाला हो या आपको ऑटो कैब से ले जाने वाला ड्राईवरI हमें लगता है कि ऐसे लोग हमारी जरूरत को पूरा करने का केवल मात्र जरिया है और इसलिए हम कभी उनके जीवन के बारे में जानने में रूचि ही नहीं रखते|
पर क्या आपने कभी सोचा है कि बड़े होने के नाते आप जब ऐसा करते हैं तो इसका पूरा असर आपके बच्चों पर भी पड़ता है| उन्हें भी लगता है कि शायद जीवन को जीने का यही एक तरीका है| लेकिन बच्चों का ऐसा सोचना हमारी नयी पीढ़ी के लिए सबसे खतरनाक साबित होगा| रोजाना न जाने हम कितने ऐसे अनजान या जान पहचान के लोगों से मिलते हैं जिनके होने से हमारी जिंदगी में एक सुखद अनुभूति आती है | जिनके होने भर से ही हमें लगता है कि ज़िन्दगी में सब ठीक है| हम सब की ज़िन्दगी में ऐसे लोग होते है पर कितनी बार हमने उन्हें Thankyou बोला? उन्हें बताया की उनका हमारी जिंदगी में होना कितना जरूरी था? शायद नहीं… इसलिए माता पिता के लिए जरूरी है कि वो अपने बच्चों ये ज्ञान दें या फिर ऐसी किताबें पढाएं जिस से बच्चों को इस बात का पतामैं क्यों करूं दूसरों की मदद? मुझे इस से क्या मिलेगा? मेरी कौन मदद करता है? क्या मैंने ही सब के काम करने का ठेका ले रखा है?  चले| अश्व्था-ट्री पब्लिकेशन ऐसी तमाम किताबें लिख चुका है जिस से बच्चो में जरूरी मूल्यों और आदतों का निर्माण होता है| पब्लिकेशन की लिखी किताब “चिंता की माई” में इसी तरह रिश्तों की गहराई को बताया गया है|

किताब में इस बात को बहुत ही बखूबी तरीके से बताया गया है कि थैंक यू एक ऐसा शब्द हैं जिनके जरिए आप किसी व्यक्ति के लिया अपना आभार व्यक्त करते हैं। जिसका इस्तेमाल आप अपनी प्रफेशनल लाइफ, स्कूल या कॉलेज लाइफ में तो बहुत करते हैं लेकिन निजी जीवन में भी इन शब्दों को बोलने की आदत नहीं होती| अगर ऐसा हो तो आप अपने किसी भी रिश्ते में जान डाल सकते है। आप जिसे थैंक यू बोलते हैं उस पर इसका पॉजिटिव असर होता है। तो अगर आप भी चाहते हैं आपके बच्चों को मिले अच्छी आदतों का ज्ञान तो एक बार जरुर पढ़ें अश्व्था-ट्री की किताबों को|

Visit NOW : https://ashwathatreebooks.com/

To STAY UPDATED with our latest editions/discounts and many more offers…

► Subscribe Now : https://www.youtube.com/@Ashwathatreebooks
► Like us on Facebook : https://www.facebook.com/Ashwathatreebooks
► Like us on Instagram : https://www.instagram.com/mystikstories
► Follow us on Twitter : https://twitter.com/Ashwathatree
► Follow us on LinkedIn : https://www.linkedin.com/company/ashwathatree
►Follow us on WhatsApp Channel : https://whatsapp.com/channel/0029Va5W8rn4Y9lh6RNdX03Y

For more updates follow our Whatsapp  and Telegram Channel

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top