डीप ब्रीदिंग, फिजिकल एक्टिविटी के साथ बच्चे अश्वत्था ट्री के बुक्स से लें कोर्स बुक्स से ब्रेक

अगर आज सबसे ज्यादा बच्चों के मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को कुछ खराब कर रहा है तो वो है, पढ़ाई का बोझ। लेकिन इसका पता बच्चों को नहीं चलता। जरूरत है कि पैरेंट्स बच्‍चों में स्‍ट्रेस और एंग्‍जायटी को पहचानकर उससे लड़ने और उसे दूर करने के तरीकों के बारे में खोज करें। स्‍कूल भी बच्‍चे और माता-पिता की इस बदलाव में मदद कर सकते हैं। लेकिन क्या करें ऐसा कि बच्चे तनाव से रहें दूर। सबसे पहले जरूरत है बच्चों को उनकी पसंद का करने दें। कई बार ऐसा होता है कि बच्चे करना कुछ और चाहते हैं लेकिन पैरेंट्स उनसे अपने मन की करवाते हैं।

प्रेशर न क्रिएट करें पैरेंट्स

हम चाहे अपने जीवन में जितना भी सफल हों लेकिन हर बच्‍चे से यही उम्‍मीद करते हैं कि वो पढ़ाई में अच्‍छा परफॉर्म करे क्‍योंकि आज के दौर में बच्‍चों की पढ़ाई को लेकर काफी ज्‍यादा जोर दिया जाता है। पैरेंट्स भी अपने बच्‍चे पर पढ़ाई में अव्‍वल आने को लेकर काफी ज्‍यादा प्रेशर डालते हैं और यही चाहते हैं कि उनका बच्‍चा अपनी जिंदगी में तरक्‍की करे। इस पूरे चक्‍कर में बच्‍चे के ऊपर मानसिक दबाव पड़ने लगता है जिस पर शायद ही कभी किसी का ध्‍यान जाता है।

जरा संभलकर, नाजुक है किशोरावस्था

पैरेंट्स को अपने कथित अरमानों के बीच ये सोचने की जरूरत है कि किशोरावस्‍था बहुत नाजुक होती है और इस समय बच्‍चों के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं और वो एक विकासात्‍मक फेज से गुजर रहे होते हैं। इससे उनमें बायोलॉजिकल स्‍ट्रेस रहता है। दुनिया के भागमभाग में एक नन्हा दिल हमेशा पढ़ाई करते रहने का प्रेशर फील करता है और इस चक्‍कर में उन्‍हें बाकी चीजों या अपनी पसंद के कामों के लिए समय ही नहीं मिल पाता है। अनहेल्‍दी कॉम्‍पीटिशन, पढ़ाई का बोझ और पूरी ना होती उम्‍मीदों का असर बच्‍चे के ऊपर प्रेशर के रूप में पड़ता है और वो पढ़ाई और खुद को लेकर एक नेगेटिव धारणा बना लेता है।

स्ट्रेस के बारे में बातें करें

अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्‍चा पढ़ाई को बोझ की तरह ना ले तो उससे स्‍ट्रेस के बारे में बात करें। बच्‍चे को यह विश्‍वास दिलाएं कि तनिक भी स्ट्रेस फील होता है तो वह आपसे बातें करे, मस्ती करे। और आप उस नाजुक दौर को पहचानें और कुछ ऐसी बुक्स बच्चों को पढ़ने को दें जो उसे विपरीत परिस्थितियों में उसे मजबूत करे, उस बुक के कैरेक्टर उसके सामने एग्जामपल सेट करें और बच्चे के मन से एक अंजाना डर छू मंतर हो जाए। लेकिन सवाल यह उठता है कि ऐसी बुक्स कहां से पढ़ें, क्योंकि बाजार में कई पब्लिकेशन हैं, लेकिन उसके कैरेक्टर आपके बच्चों को एक मायावी दुनिया में ले जाते हैं, जो आपके बच्चों के कॉन्फिडेंस के लिए कतई सही नहीं है।

कैरेक्टर से कनेक्शन

हमारे देश में कई पब्लिकेशन हैं जो देश की सभ्यता और संस्कृति से रिलेटेड कैरेक्टर पर बढ़िया काम कर रहे हैं। इन पब्लिकेशन में सबसे ज्यादा लोकप्रिय अश्वत्था ट्री बुक्स हैं, जिसकी खासियत है स्टोरीज के कैरेक्टर, उन स्टोरीज को बच्चों से वेल कनेक्टेड करने के लिए दिल को छू लेनेवाली बातें, उनके इलस्ट्रेशन। अश्वत्था की सबसे खास बात है कि इस पब्लिकेशन ने भारतीय सभ्यता और संस्कृति से संबंधित स्टोरीज पर काफी काम किया है, जिससे आजकल के मेंटल हेल्थ से लेकर सामान्य व्यवहार से संबंधित कई सॉल्यूशन इन बुक्स में मिल जाते हैं।

अभी हाल ही में प्रगति मैदान में वर्ल्ड बुक फेयर लगा था, जिसमें दुनियाभर के पब्लिकेशंस ने इस फेयर में भाग लिया था। मेले में आए विजिटर्स ने अश्वत्था ट्री के बुक्स की काफी प्रशंसा की और दूसरे बुक्स की तुलना में इसे पाठकों के करीब पाया। बुक्स के कलरफुल पेज लोगों को मनभावन लगे और उनके कैरेक्टर के बीच जो रंग भरे गए हैं वो बच्चों को और उनके पैरेंट्स को काफी पसंद आ रहे हैं। बुक्स की स्टोरीज में जिस तरह से कैरेक्टर को प्रेजेंट किया गया है, वो यह बताता है कि राइटर ने बुक्स को लिखने से पहले कितना रिसर्च किया है, जिसे बुक फेयर में आए पैरेंट्स ने भी महसूस किया और इसीलिए वे अपने बच्चों के लिए अश्वत्था ट्री की बुक्स खरीद रहे थे।

यही कारण है कि अश्वत्था बच्चों में काफी लोकप्रिय है। इन बुक्स को पढ़ने के बाद आप देखेंगे धीरे-धीरे आपका बच्चा स्ट्रेस मैनेज करना सीख रहा है। और उसे ये सब बहुत छोटी-मोटी बातें लगने लगेंगी और ये सब हुआ है अश्वत्था ट्री की बुक्स पढ़ने के कारण। इन बुक्स को पढ़ने के अलावा आप अपने बच्‍चे से डीप ब्रीदिंग या मेडिटेशन या फिर उसे फिजिकल एक्टिविटी भी करवाते रहें। बच्‍चे को पढ़ाई से ब्रेक लेने के लिए प्रोत्‍साहित करें और ध्‍यान रखें कि वो पर्याप्‍त नींद ले रहा है और फन एक्टिविटीज भी कर रहा है।

Visit NOW : https://ashwathatreebooks.com/

To STAY UPDATED with our latest editions/discounts and many more offers…

► Subscribe Now : https://www.youtube.com/@Ashwathatreebooks
► Like us on Facebook : https://www.facebook.com/Ashwathatreebooks
► Like us on Instagram : https://www.instagram.com/mystikstories
► Follow us on Twitter : https://twitter.com/Ashwathatree
► Follow us on LinkedIn : https://www.linkedin.com/company/ashwathatree
►Follow us on WhatsApp Channel : https://whatsapp.com/channel/0029Va5W8rn4Y9lh6RNdX03Y

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top