जब 5 साल के बच्चे की याचिका पर Allahabad HC ने सुनाया अपना फैसला

Allahabad high court ने कानपुर के एक छोटे से बच्चे की पीआईएल पर सुनवाई करते हुए अहम फैसला सुनाया है…बच्चे का नाम है अथर्व और ये पढ़ता है एलकेजी में…क्या थी ये पेटिशन…तो अथर्व ने अपने स्कूल के पास शराब के ठेके को बंद करवाने की अपील करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी…याचिका में कहा गया था कि administration के orders की अनदेखी करते हुए स्कूल के बगल में शराब का ठेका खोला गया है….आए दिन शराबियों के हुड़दंग से परेशानी होती है…..इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि स्कूल के बगल के शराब के ठेके का renovation हर साल कैसे होता जा रहा है…..इस पर प्रशासन ने जवाब में कहा कि स्कूल 2019 में खुला था और ठेका वहां 30 साल से था और provisions का हवाला दिया….मामले की सुनवाई कर रहे थे चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस विकास बुधवार…और कोर्ट ने का कि स्कूल के बगल पहले से शराब का ठेका है तो जरूरी नहीं हर साल उसका लाइसेंस बढ़ाया जाए..इस शोप का लाइसेंस है 31 मार्च 2025 तक जिसके बाद कोर्ट ने इस दुकान के लाइसेंस को ना बढ़ाने के आदेश दे दिए हैं…petitioner के वकील आशुतोष का कहना है कि ये फैसला इस तरह के मामलो में नजीर बनेगा और उनके मुताबिक ये पांच साल के किसी बच्चे की तरफ से दाखिल की गई पहली जनहित याचिका हैI
बच्चों का अपने समाज के प्रति जागरूक होना बहुत ही जरुरी हैI उन्हें समाज में हो रहे हर एक सही और गलत कामों के बारे में पता होना और उसमे सुधार करने की इच्छाशक्ति हमारे देश और समाज को तरक्की के रस्ते ले जाने में जरूरी भूमिका निभाती हैI और यह तभी संभव है जब आप बच्चों की परवरिश बेहद सही ढंग से करते हैंI सही ढंग से तात्पर्य यह है कि बच्चों को ऐसा माहौल देना जहाँ बच्चा अपनी खुद की सोच विकसित कर पाए, उस पर किसी भी सोच को मानाने का दबाव ना बनाया जाए| खासकर उन बातों को जिनको मानने के पीछे कोई ठोस कारण या वजह ना होI जिन बच्चों के माता पिता इस बात को समझते हैं कि बच्चों का ऐसी सोच विकसित कर पाना बहुत जरूरी है वो लोग अपने बच्चों की किताबों से दोस्ती करवाते हैंI ये किताबें ही हैं जो अलग अलग सोच और विचारों को एक जगह समाहित करती हैंI लेकिन कई माता पिता के सामने ये सवाल होता है कि आखिर बच्चों को कैसी किताबें पढ़ाई जाए जो बच्चे सोच में सकारात्मक बदलाव ला सकेI यूँ तो बाजारों में कई तरह की किताबें मौजूद है पर ऐसी बहुत ही कम किताबें है जो भारतीय संस्कृति की ताकत को दिखाती हों, खासतौर से बच्चों के लिएI Ashwatha Tree Publication इनमे सबसे खास है क्यूंकि इन किताबों में उन स्टोरीज को कवर किया है जिनसे न सिर्फ बच्चों की बेसिक वैल्यूज मजबूत होती है, बल्कि बच्चों को उनकी सभ्यता और संस्कृति का ज्ञान देकर उनकी जड़ो को मजबूत बनाया जाता हैI रामायण हो या वेद, पुराण हो या उपनिषद, अश्वत्था अश्वत्था ट्री ने बहुत सुंदर तरीके से छोटी छोटी घटनाओं और किरदारों को बच्चो के सामने रखा है जो बच्चों को उनके परिवार और सभी रिश्तों से जोड़ती है। यहाँ तक कि समाज को बेहतर बनाने के लिए आज से पहले किन लोगों ने अपना योगदान दिया है उन सभी रियल लाइफ हीरो को भी इन किताबों में जगह मिली हैI आधुनिकता के इस दौर में अगर आप भी खुद में और अपने बच्चों में बदलाव देखना चाहते हैं तो घर लाएं अश्वत्था ट्री की किताबेंI

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