बच्चों में रिश्तों की अहमियत को बनाने में मदद करेगी ये किताब

क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे जीवन में रिश्तों की क्या अहमियत है? अक्सर हम खुद से सवाल करते हैं कि मुझे दूसरों की मदद क्यों करनी चाहिए? मुझे इससे क्या मिलेगा? मेरी मदद कौन करता है? लेकिन हम भूल जाते हैं कि समाज में सभी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और सहयोग ही हमें आगे बढ़ने में मदद करता है। यह जीवन की अनिवार्य सच्चाई है कि हम जितना दूसरों के लिए करेंगे, उतना ही हमारा जीवन भी बेहतर बनेगा। हम दूसरों के योगदान को नजरअंदाज नहीं कर सकते, क्योंकि यही हमारा समाज और परिवार टिकाए रखते हैं।

आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी और डिजिटल दुनिया ने हमें एक-दूसरे से थोड़ा दूर कर दिया है। मोबाइल और इंटरनेट ने हमारे रिश्तों में एक दीवार खड़ी कर दी है। लोग एक ही छत के नीचे रहते हुए भी एक-दूसरे से दूर होते जा रहे हैं। न केवल वयस्क बल्कि बच्चे भी तकनीक में इतने उलझ चुके हैं कि उन्हें अपने आसपास के लोगों की अहमियत समझने का मौका ही नहीं मिलता। हम घर के सहायक, सुरक्षा गार्ड, सब्जी वाले या ड्राइवर को सिर्फ अपनी जरूरत पूरी करने का साधन समझते हैं, लेकिन क्या हम कभी उनकी मेहनत और योगदान की सराहना करते हैं?

हमारे बच्चे भी इसी व्यवहार को अपनाते हैं। जब वे देखते हैं कि बड़ों का ध्यान केवल अपने काम और अपनी जरूरतों तक सीमित है, तो वे भी यही सीखते हैं। यह रवैया समाज के लिए खतरनाक हो सकता है, क्योंकि रिश्तों की अहमियत समझे बिना हम संवेदनशील और सहृदय नागरिक नहीं बना सकते। हमें अपने बच्चों को यह सिखाने की ज़रूरत है कि जीवन में सिर्फ खुद के लिए जीना ही सब कुछ नहीं है, बल्कि दूसरों के लिए कुछ करना भी ज़रूरी है।

Ashwatha Tree Publication ने ऐसी किताबें लिखी हैं, जो बच्चों को रिश्तों और मूल्यों का महत्व सिखाने में मदद करेंगी। इन किताबों की खासियत यह है कि ये सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि जीवन के महत्वपूर्ण सबक भी सिखाती हैं।

“चिंता की माई” – रिश्तों की गहराई को समझाने वाली एक अनूठी किताब

Ashwatha Tree Publication द्वारा लिखी किताब “चिंता की माई” बच्चों को यह सिखाने का बेहतरीन जरिया है कि रिश्तों में एक-दूसरे के प्रति आभार जताना कितना जरूरी है। इस किताब में सरल शब्दों और रोचक कहानियों के माध्यम से यह समझाया गया है कि “धन्यवाद” सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि एक भावना है जो दूसरों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने का जरिया बन सकती है।

अक्सर हम अपने दफ्तर, स्कूल या कॉलेज में “थैंक यू” कहने की आदत डाल लेते हैं, लेकिन निजी जीवन में इसे भूल जाते हैं। हम अपने करीबी लोगों को यह महसूस ही नहीं कराते कि वे हमारे लिए कितने महत्वपूर्ण हैं। अगर हम इस आदत को अपनाएं तो हमारे रिश्ते और मजबूत बन सकते हैं।

आपके बच्चे सही दिशा में बढ़ें और अच्छे संस्कार सीखें, तो इसके लिए प्रगति मैदान, नई दिल्ली में आयोजित वर्ल्ड बुक फेयर में जरूर आएं। यह बुक फेयर 10 फरवरी से 18 फरवरी 2025 तक चलेगा और इसमें दुनियाभर के प्रकाशकों की हजारों किताबें उपलब्ध होंगी। Ashwatha Tree Publication इस बुक फेयर में बच्चों के लिए ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक किताबों की एक शानदार रेंज लाया है। अगर आप अपने बच्चों के लिए ऐसी किताबें खरीदना चाहते हैं, जो न सिर्फ उनका मनोरंजन करें बल्कि उनके जीवन को भी सकारात्मक दिशा दें, तो स्टॉल नंबर P15 (Hall 2) और G-12 (Hall 5) पर ज़रूर आएं। यहाँ आपको बच्चों और वयस्कों के लिए बेहतरीन किताबें मिलेंगी, जो रिश्तों, नैतिक मूल्यों और समाज के प्रति जिम्मेदारी को बेहतर ढंग से समझाने में मदद करेंगी। स्टॉल पर आने के लिए QR कोड स्कैन करें और अपने बच्चों के लिए ज्ञानवर्धक किताबों का चयन करें।

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आज के दौर में बच्चों को सिर्फ तकनीकी ज्ञान ही नहीं, बल्कि भावनात्मक और सामाजिक समझ भी होना जरूरी है। सही किताबें पढ़ने से न केवल उनका मानसिक विकास होता है, बल्कि वे सही और गलत में अंतर भी समझ पाते हैं। “चिंता की माई” जैसी किताबें न केवल उन्हें रिश्तों की अहमियत सिखाएंगी, बल्कि उनके भीतर संवेदनशीलता, सहानुभूति और आभार की भावना भी मजबूत करेंगी।

तो क्यों न इस बार वर्ल्ड बुक फेयर से अपने बच्चों के लिए एक ऐसा तोहफा लाएं, जो उनके व्यक्तित्व को निखार सके और उन्हें एक अच्छा इंसान बना सके? Ashwatha Tree Publication की किताबें सिर्फ पढ़ने के लिए नहीं, बल्कि जीवन को सही दिशा में मोड़ने के लिए हैं।

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