RR vs RCB में दिखी Green Dot Balls से आप क्या समझे? जानें असली वजह | IPL 2024 | CliqSEA

कल राजस्थान और बेंगलुरु के मैच में आप सभी ने एक चीज नोटिस की होगी कि डॉट बॉल्स की जगह पर ग्रीन डॉट दिख रहा था और जितनी बार भी कोई बॉलर डॉट बॉल डाल रहा था वो पहले एक पेड़ सा ग्राफिक बन रहा था। ये चेंज सिर्फ इस साल नहीं किया गया है, पिछले साल के प्लेऑफ गेम्स में भी ये किया गया था। पर क्यों? ये बीसीसीआई के ग्रीन इनिशिएटिव का हिस्सा है। इस इनिशिएटिव के अंदर बीसीसीआई ने टाटा ग्रुप से साथ मिलकर प्लेऑफ गेम्स के दौरान फेंकी गई हर डॉट बॉल के लिए 500 पेड़ लगाएगा और इसलिए जब भी ओवर चार्ट स्क्रीन पर दिखाया जाता है तो डॉट बॉल की जगह पर पेड़ दिखाए जाते हैं। पिछले साल जय शाह ने इसको लेकर ट्वीट भी किया था जहां उन्होंने कहा था कि प्लेऑफ के जीटी बनाम सीएसके में 84 डॉट बॉल्स आई जिससे 42,000 पेड़ लगाए जाएंगे।

ये इनिशिएटिव तारीफ के लायक तो है पर फिर भी क्या ये पर्याप्त है? आइए समझते हैं…

एक क्रिकेट मैच की अगर बात करें तो हर दिन लगभग 20 लाख घरों से जितना कार्बन उत्सर्जन होता है उतना ही एक क्रिकेट मैच में एक बार में एक ही दिन में हो जाता है। कार्बन उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं स्टेडियम की चमचमाती लाइट्स, टीम और सपोर्टिंग स्टाफ का यात्रा, होटल्स जिनमें टीमें और स्टाफ रुकते हैं और स्टेडियम या घरों से देखने वाले करोड़ों दर्शक। अब इतना ज्यादा उत्सर्जन अगर हो रहा है तो उसकी भरपाई सिर्फ प्लेऑफ्स के मैचेस में पेड़ लगाकर तो नहीं की जा सकती। इसके लिए हर मैच के अगेंस्ट लगभग 20 हजार पेड़ लगाए जाएं तो ही एक क्रिकेट मैच से हुए कार्बन उत्सर्जन के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

आईपीएल के इस सीजन की अगर बात करें तो कुल मैचेस होने हैं 74। गणना की जाए तो आईपीएल के एक सीजन से लगभग 15 करोड़ घरों जितना कार्बन उत्सर्जन हुआ और इसके लिए कम से कम 15 लाख पेड़ एक सीजन के दौरान लगाए जाने चाहिए। और प्लेऑफ के मैचेस से अगर औसत लेकर चलें हर मैच में आएंगी 80 डॉट बॉल्स तो सिर्फ 1 लाख 20 हजार पेड़ लगाए जाएंगे, जो 10 प्रतिशत से भी कम है।

तो इसके लिए किया क्या जाए? निस्संदेह क्रिकेट अपना काम कर रहा है पर्यावरण के लिए पर इतना काफी नहीं है। एक सीजन को कार्बन नकारात्मक बनाने के लिए हमें टाटा जैसे और जिम्मेदार प्रायोजक चाहिए होंगे, टीम्स को व्यक्तिगत स्तर पर काम करना होगा जैसे राजस्थान रॉयल्स का इनिशिएटिव था राजस्थान की महिलाओं के लिए या फिर आरसीबी का गो ग्रीन इनिशिएटिव। और यहां तक कि क्रिकेट फैन्स को भी आगे उठकर आना होगा जिससे आईपीएल का हर मैच कार्बन नेगेटिव बन सके।

हर घर से अगर पर्यावरण को लेकर गंभीरता दिखेगी तो ही हम आने वाली पीढ़ी के लिए इस खूबसूरत संसार को बचा पाएंगे। पर्यावरण के प्रति प्यार और सम्मान करने की शिक्षा बचपन से ही अगर हर घर में बच्चों को दी जाएगी तो आने वाली पीढ़ी जरूर जिम्मेदारी से काम करेगी और इस धरती को एक बेहतर जगह बनाएगी। किताबें ऐसी अच्छी आदतें सिखाने और सीखने का एक बेहतरीन जरिया हैं, ऐसे में ‘Ashwatha Tree Books’ नाम की प्रकाशन संस्था ने कई पर्यावरण से संबंधित किताबें लिखी हैं जो बच्चों को कहानी के माध्यम से इस ‘Mother Nature’ की महत्ता को समझाते हैं।

Visit NOW : https://ashwathatreebooks.com/

To STAY UPDATED with our latest editions/discounts and many more offers…

► Subscribe Now : https://www.youtube.com/@Ashwathatreebooks
► Like us on Facebook : https://www.facebook.com/Ashwathatreebooks
► Like us on Instagram : https://www.instagram.com/mystikstories
► Follow us on Twitter : https://twitter.com/Ashwathatree
► Follow us on LinkedIn : https://www.linkedin.com/company/ashwathatree
►Follow us on WhatsApp Channel : https://whatsapp.com/channel/0029Va5W8rn4Y9lh6RNdX03Y

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top