आजकल बच्चे मोबाइल और डिजिटल गेम्स में इतने उलझे हुए हैं कि उनकी शारीरिक गतिविधियां लगातार घट रही हैं। जिस से उनकी एकाग्रता में कमी आ रही है और वे चीजों को याद रखने में भी मुश्किल महसूस करने लगे हैं। फास्ट फूड और बढ़ते प्रदूषण ने बच्चों की सेहत पर और ज्यादा असर डाला है, जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर हो रही है। माता-पिता के लिए यह चिंता का विषय बनता जा रहा है कि बच्चों को किस तरह से एक स्वस्थ जीवनशैली की ओर मोड़ा जाए।
अगर आप सच में अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं और उन्हें एक संतुलित जीवन जीने की दिशा में प्रेरित करना चाहते हैं, तो योग से बेहतर कोई विकल्प नहीं हो सकता। योग न केवल शरीर को लचीला और मजबूत बनाता है, बल्कि मानसिक शांति और आत्म-संयम भी विकसित करता है। यदि बच्चों को बचपन से ही योग की आदत डाल दी जाए, तो वे न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य में भी इसका लाभ उठा सकते हैं। लेकिन आजकल कई माता-पिता भी योग की जरूरत को नहीं समझते, जिसकी वजह से यह नई पीढ़ी के लिए भी जरूरी नहीं समझा जा रहा है।
योग के अलग-अलग आसनों के पीछे एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण छुपा है। सूर्य नमस्कार जैसे आसन शरीर की सहनशक्ति को बढ़ाते हैं, जबकि प्राणायाम श्वसन प्रणाली को दुरुस्त कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। बच्चों के शरीर में संतुलन और लचीलापन बनाए रखने के लिए अधोमुखश्वानासन जैसे आसन बहुत प्रभावी होते हैं। लेकिन बदलते दौर के साथ योग का स्वरूप भी बदल रहा है और आजकल इसे एक कठिन अभ्यास के रूप में देखा जाता है। यहां तक कि योगासनों के पारंपरिक नामों को भी बदल दिया गया है, जिससे बच्चों को यह मुश्किल लगने लगा है।
बच्चों को योग से जोड़ने के लिए जरूरी है कि वे इसे बोझ नहीं बल्कि रोमांचकारी अनुभव के रूप में देखें। इसी सोच को ध्यान में रखते हुए Ashwatha Tree Publication ने बच्चों के लिए एक अनूठी किताब “Heroes, Sages and Asanas” प्रकाशित की है। यह किताब न केवल योगासनों के महत्व को समझाती है, बल्कि उनके नामों और उनकी कहानियों को भी रोचक तरीके से बताती है। इसमें बताया गया है कि किस प्रकार ऋषि-मुनियों के तप और ध्यान ने योग को एक अनुशासन के रूप में विकसित किया, और किस तरह यह आज भी हमारे जीवन का हिस्सा बना हुआ है। किताब के माध्यम से बच्चे न केवल योग के नामों का अर्थ समझेंगे, बल्कि वे इन कहानियों से प्रेरित होकर खुद भी योग करने के लिए उत्साहित होंगे।
अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा अपनी सेहत को लेकर खुद जागरूक बने और योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करे, तो उसे इस तरह की किताबों के करीब लाना जरूरी है। Ashwatha Tree Publication ने बच्चों के लिए ऐसी कई किताबें प्रकाशित की हैं, जो पौराणिक कथाओं और आकर्षक चित्रों के माध्यम से ज्ञान और स्वास्थ्य को जोड़ती हैं। इन किताबों का उद्देश्य केवल पढ़ने की आदत को प्रोत्साहित करना नहीं, बल्कि बच्चों को उनकी संस्कृति और जड़ों से जोड़ना भी है। इसके लिए आप प्रगति मैदान, नई दिल्ली में आयोजित वर्ल्ड बुक फेयर में जरूर आएं। यह बुक फेयर 9 फरवरी तक चलने वाले इस मेले में दुनियाभर के जाने माने लेखक और प्रकाशक भाग ले रहे हैं।
Ashwatha Tree Publication भी इस बुक फेयर में खासतौर पर बच्चों के लिए किताबों की एक श्रृंखला लेकर आया है। अगर आप बच्चों को ऐसी किताबें देना चाहते हैं जो न केवल ज्ञानवर्धक हों बल्कि रोचक और प्रेरणादायक भी हों, तो स्टॉल नंबर P15 (Hall 2) और G-12 (Hall 5) पर जरूर जाएं। यहाँ आपको ऐसी अद्भुत किताबें मिलेंगी, जो बच्चों को योग और भारतीय संस्कृति से जोड़ने में मदद करेंगी।
https://ashwathatreebooks.com/hanuman-chalisa-for-children/
आज के दौर में केवल तकनीकी ज्ञान ही नहीं, बल्कि मानसिक और शारीरिक संतुलन भी जरूरी है। बच्चों को योग के प्रति रुचि जगाने और इसे उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने के लिए सही मार्गदर्शन और प्रेरणा की जरूरत होती है। “Heroes, Sages and Asanas” जैसी किताबें बच्चों को योग के पीछे छिपी रोचक कहानियों और उसके लाभों को समझाने में मदद करेंगी। यह किताब न केवल उनके स्वास्थ्य में सुधार करेगी, बल्कि उन्हें जीवनभर के लिए एक सकारात्मक आदत भी सिखाएगी।
तो इस बार वर्ल्ड बुक फेयर में अपने बच्चों के लिए एक ऐसा तोहफा लाएं, जो उनकी सेहत और सोच दोनों को सशक्त बना सके। Ashwatha Tree Publication की किताबें सिर्फ पढ़ने के लिए नहीं, बल्कि बच्चों को आत्म-विकास और संस्कृति से जोड़ने के लिए हैं।