क्या आपके बच्चे को है Phone addiction , Children books करेंगी मदद

डिजीटल हुई दुनिया के फायदे हैं तो नुकसान भी कुछ कम नहीं,आजकल के समय में मोबाइल फोन हर किसी के पास बड़ी आसानी से मिल जाएगा. छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सभी के पास आजकल मोबाइल होता है. ऐसे में कुछ बच्चों की आदत होती है लगातार मोबाइल देखना. माता-पिता की कई कोशिशें के बाद भी बच्चे फोन नहीं छोड़ते हैं. इसके लिए माता-पिता कई प्रयास करते हैं. आप भी अपने बच्चों के फोन देखने से परेशान है तो यह खबर आपके लिए है. जब भी आपका बच्चा लगातार फोन देखता है, तब आप उसे गौर से देखना कि उसकी आंखें झपकती है या नहीं? अधिकतर केस में जब भी बच्चे लगातार फोन देखते हैं तो उनकी पलक झपकने लगती है.
आईए जानते हैं इसके कारण
पलक झपकना एक चिंता का विषय हो सकता है अगर आपका बच्चा फोन में वीडियो देखते समय पलक झपकाता है तो इसके कई कारण हो सकते हैं. ऐसा तभी होता है जब बच्चा एक तक ध्यान केंद्रित कर किसी चीज को लगातार देखता है. इसके अलावा स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी आंखों पर सीधी पड़ती है और इससे आंखें थकी हुई महसूस करती है. कुछ सीन में बच्चे जाते हैं इस वजह से भी लगातार पलक झपकती है.

ऐसे करें बचाव

हर मां बाप अपने बच्चों को अच्छे संस्कार और सिख देना चाहते हैं. फोन की लत अगर आपके बच्चों में भी है और आप उनकी पलक झपकने से परेशान है, तो आपको कुछ टिप्स फॉलो करनी होगी जैसे कि अपने बच्चों के स्क्रीन टाइम को कम कर दें. जितनी कम देर तक बच्चा फोन चलाएगा, उतना ही इस समस्या से बचा रहेगा. अगर बच्चा ज्यादा जीत करने लग जाए, तो उसे बिना बताए उसका फोन कहीं छुपा दे. और जाहिर सी बात है फोन छुपाने के बाद बच्चो को फोन के बदले में कोई रिप्लेसमेंट देनी होगी जो उसे व्यस्त रखें. इसका सबसे बेहतर जरिया हैं किताबें जो बच्चों को ज्ञान तो देंगी ही साथ ही साथ फोन से हो रहे एडिक्शन और स्क्रीन से निकलने वाले खतरनाक रेज से बचाएंगी. लेकिन किताबों के साथ बच्चों को व्यस्त रखना आजकल के जमाने में सबसे बड़ी समस्या है क्योंकि बच्चों को फोन की तूलना में किताबे काफी बोरिंग लगती हैं. अब इसी बात का ख्याल रखते हुए Ashwatha Tree Publication ने ऐसी किताबें Publish की है जो Graphi Designing की हेल्प से स्टोरी टेलींग करती हैं. इन किताबों में चित्रो की मदद से कहानीयां समझाई जाती हैं. अब कलरफुल और अट्रैक्टिव पेज वाली ये किताबें बच्चों को बोर नहीं होने देती. उनका मनोरंजन भी होता है और ज्ञान भी. मोरल वैल्युज से लेकर मायथोलोजिकल किताबें यहा Available हैं

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फोन एडिक्शन को किताबो के जरिए छुड़ाना थोड़ा मुश्किल तो है लेकिन नामुमकिन नहीं क्योंकि किसी भी आदत को बनने में थोड़ा टाइम लगता है खासतौर पर अच्छी आदतो को बनने में, और बच्चों में किताब पढ़ने की आदत डालना ऐसी आदत है जो उनके बाल मन का विकास सही दिशा में करती हैं, अगर बच्चा काफी छोटा है तो ये किताबे घर के बड़े लोग पढ़कर सुना सकते हैं. कुछ इस तरह से बच्चों का फोन एडिक्शन दूर होगा,आंखे स्वस्थ्य रहेंगी,मन शांत रहेगा, मस्तिष्क का विकास होगा. क्योंकि बचपन में लगी आदते एक अच्छा व्यक्तित्व बनाती हैं.

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