Ashwatha Tree का वर्ल्ड क्लास इलस्ट्रेशन बच्चों के लिए अध्यात्म से लेकर ऋषि-मुनियों के परिचय का है माध्यम

आजकल बच्चों में कई कारणों से तनाव या चिंता की समस्या हो रही है। वैसे तो इन भावनाओं को काफी सामान्य माना जाता है, हालांकि अगर बच्चों में तनाव या चिंता डिप्रेशन का रूप लेने लगे, या फिर इन स्थितियों के कारण उनका सामान्य जीवन और कार्य प्रभावित होने लगे तो ऐसे में पैरेंट्स को सावधान हो जाने की जरूरत है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक बच्चों में लगातार बनी रहने वाली चिंता या तनाव की स्थिति धीरे-धीरे पैरेंट्स को भी परेशान करने लगती है। लेकिन इससे घबराने की बजाए इसके सॉल्यूशन पर फोकस किया जाए तो इस समस्या से अपने बच्चों को निजात दिलाया जा सकता है।

अश्वत्था ट्री है बेस्ट ऑप्शन

आज जिस तरह का माहौल है, जिस तरह से लोगों की दिनचर्या बनी हुई है, लाइफस्टाइल को लोग लेजी बनाते जा रहे हैं, उसका ही परिणाम है कि दिनभर की मानसिक उलझनें, होमवर्क का प्रेशर, सिलेबस का प्रेशर, एग्जाम का प्रेशर हमें रात में ठीक से सोने नहीं देतीं लेकिन अगर कुछ ऐसा सोचा जाए या कुछ ऐसा बुना जाए, जिससे एक स्वप्निल संसार की कल्पना की जा सके तो नींद भी बेहतरीन आती है और मेंटल प्रेशर से भी निजात मिलती है। अश्वत्था ट्री की फाउंडर और ऑथर तुलिका सिंह द्वारा लिखित पुस्तकें इसका एक बेस्ट ऑप्शन हो सकती हैं।

डॉ. पिंगले ने भी अश्वत्था ट्री के हनुमान चालीसा को सराहा

हाल ही में आयोजित दिल्ली के प्रगति मैदान में विश्व पुस्तक मेले में सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगले का पदार्पण हुआ। डॉ. पिंगले ने अश्वत्था ट्री की फाउंडर और ऑथर तुलिका सिंह द्वारा प्रकाशित हनुमान चालीसा का काफी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए हनुमान चालीसा को लिखने की पद्धति काबिलेतारीफ है। साथ ही उन्होंने कहा कि बच्चे हमारे पुराण, परम्पराओं, ऋषि-मुनियों से परिचित हों, इसके लिए तुलिका सिंह ने कई तरह की पुस्तकें लिखी हैं। और इन किताबों की खासियत है कि ये चित्रों के माध्यम से बच्चों में एक समझ बनाती हैं, जिससे बच्चे सहज ही इन किताबों की स्टोरीज से कनेक्ट हो जाते हैं।
डॉक्टर पिंगले सामाजिक-धार्मिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में एक काफी सक्रिय हैं और बेहद सम्मानित व्यक्ति हैं, जिन्होंने हिंदू धर्म पर अपने व्यावहारिक ज्ञान और विशेषज्ञता के साथ, धार्मिक मूल्यों को बढ़ावा देने, हिंदू संस्कृति को संरक्षित करने और हिंदू समुदाय के हितों की रक्षा करने के मिशन में हिंदू जनजागृति समिति का मार्गदर्शन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

किताबों से दिल लगाकर देखो

सही मायने में देखा जाए तो कोरोना के बाद मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के मामले पहले से अधिक बढ़ गए हैं। शरीर में दर्द, नींद पूरी न होना या खराब नींद का पैटर्न,बच्चों में जंक फूड का बढ़ता चलन, व्यायाम और आहार में पौष्टिकता की कमी उन्हें कई समस्याओं से घेर लेती है। बच्चों में गैजेट्स और मोबाइल के प्रयोग ने भी उन्हें चिड़चिड़ा बना दिया है। बच्चों में डिप्रेशन के केसेस भी ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। ऐसे में जरूरत है खुद को बिजी रखना और वो भी क्रिएटिव तरीके से। इसके लिए सबसे बेहतर ऑप्शन हो सकती हैं किताबें। जी हां, इंसान की सबसे खूबसूरत दोस्त हैं किताबें। अगर किताबों में दिल लग गया तो कहीं और भटकने की जरूरत नहीं और न ही कभी आप खुद को अकेला पाएंगे।

वास्तविकता के धरातल पर अश्वत्था के कैरेक्टर्स

फिर सवाल ये है कि आखिर किताबें कौन सी पढ़ें, क्योंकि मार्केट में बहुत सारी किताबें अवेयलेवल हैं तो किसको पढ़ें और किससे बचें। बुक्स वही पढ़ने चाहिए जो आपको व्यावहारिक रूप से, सीख के तौर पर कुछ न कुछ दे, न कि आपसे छिन लें, आपको डिस्ट्रक्टिव मैनर्स सिखाएं। बाजार में कई तरह की कॉमिक्स हैं, जिनके कैरेक्टर बहुत ही ज्यादा अनर्गल आदतों को तवज्जो देकर पलभर के लिए आपको खुशी का मौका तो देती हैं लेकिन वो आपके नेचर को पूरी तरह से बदल देती हैं। क्योंकि उनके हवा-हवाई कैरेक्टर वास्तविकता से दूर उड़ते रहते हैं, फिर जब आपका सामना सच्चाई से होगा तो आप ऐसे कॉमिक्स कैरेक्टर को पढ़ने के कारण चूंकि व्यावहारिकता से दूर हो चुके हैं, इसलिए धड़ाम से वास्तविकता के धरातल पर गिर जाएंगे। हां, ऑनलाइन मार्केट में बच्चों के बीच इस समय काफी लोकप्रिय पब्लिकेशन है अश्वत्था ट्री, जिसे बच्चे पढ़ सकते हैं। अश्वत्था ट्री ने अपनी कहानियों के लिए जो तस्वीरें बनाई हैं, वो बच्चों को ठीक तरह से समझने में, आत्मसात करने में सहायक होती हैं।

वर्ल्ड क्लास इलस्ट्रेशन

अश्वत्था के इलस्ट्रेशन में आंखों से लेकर अन्य अंगों के एक्प्रेशन साफ-साफ मालूम पड़ते हैं, जिससे कैरेक्टर के हाव-भाव लाइव की तरह दिखते हैं, जिससे बच्चे आसानी से कनेक्ट हो जाते हैं। आमतौर पर बच्चों को लाल, पीला, हरा रंग ही पसंद आते हैं। अश्वत्था ने बच्चों के कलर्स का अपनी बुक्स में काफी ध्यान रखा है। अश्वत्था ट्री की फाउंडर और ऑथर तुलिका सिंह ने काफी सालों के रिसर्च के बाद इन बुक्स पर काम करना शुरू किया। अश्वत्था ट्री के पास बुक्स के शानदार कलेक्शन हैं, जिसे 5 साल से लेकर 14 साल के बच्चों को ध्यान में रखकर लिखा गया है। बड़ी बात ये है कि इस पब्लिकेशन के बुक्स चूंकि रामायण, महाभारत, वेद, उपनिषद, पुराण, हनुमान चालीसा सहित कई अन्य फील्ड को भी टच करते हैं, तो सभी आयु वर्ग को भी इनकी कहानियां काफी पसंद आ रही हैं।

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